तुम्हे जो मैंने देखा
ये जो चेहरे पे दिखता तिल है तुम्हारा,बस वही पे अटका दिल है हमारा।कुछ इस तरह नजर आता है चेहरा तुम्हारा,जैसे चाँद को लगाया हो किसी ने काला टीका। ये जो चेहरे पे दिखती मुस्कान है तुम्हारी,बस वही पे अटकी जान है हमारी।कुछ इस तरह लगती है बातें तुम्हारी,जैसे कानों में घोल दी हो शहद … Read more